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चेतना मंच
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भारतीय राजनीति की साख पर एक बार फिर बड़ा सवालिया निशान लग गया है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ताज़ा रिपोर्ट ने सत्ता के गलियारों का ऐसा सच उजागर किया है, जो लोकतंत्र के लिए बेहद चौंकाने वाला है। रिपोर्ट बताती है कि देश के हर दो में से एक मंत्री आपराधिक मामलों का आरोपी है। रिपोर्ट बताती है कि देश के 643 मंत्रियों में से 302 यानी लगभग हर दूसरा मंत्री आपराधिक मामलों में आरोपी है। इतना ही नहीं, इनमें से 174 नेताओं पर हत्या, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आरोप दर्ज हैं।  ADR report 2025

बीजेपी और कांग्रेस की स्थिति

एडीआर की ताजा रिपोर्ट भारतीय राजनीति की असलियत पर से परदा उठाती है। सत्ता के सबसे बड़े दल बीजेपी के 336 मंत्रियों में से 136 मंत्री अपराध के घेरे में पाए गए हैं। यानी, हर चार में से एक से ज़्यादा मंत्री दागी हैं। इनमें से भी 88 मंत्री हत्या, हिंसा और गंभीर अपराधों के आरोप झेल रहे हैं। यह आंकड़े साफ बताते हैं कि देश की सबसे ताक़तवर पार्टी के भीतर अपराधी छवि वाले नेताओं की तादाद किसी छोटे अपवाद की तरह नहीं, बल्कि राजनीति की सच्चाई बन चुकी है। वहीं, कांग्रेस, जो खुद को साफ-सुथरी राजनीति का विकल्प बताती है, उसकी तस्वीर भी चौंकाने वाली है। पार्टी के 45 मंत्रियों में से 18 पर गंभीर आपराधिक आरोप दर्ज हैं। यानी, विपक्ष से लेकर सत्ता पक्ष तक—दोनों ही खेमों में नेताओं के दामन दागों से भरे हैं।

क्षेत्रीय दलों का हाल

भारतीय राजनीति के दामन पर लगे दाग केवल राष्ट्रीय दलों तक सीमित नहीं हैं, क्षेत्रीय दलों की तस्वीर तो और भी चौंकाने वाली है। ADR की रिपोर्ट बताती है कि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के 40 मंत्रियों में से 13 आपराधिक मामलों में आरोपी हैं, जिनमें 8 पर संगीन अपराधों के आरोप हैं। दक्षिण भारत की राजनीति पर दबदबा रखने वाली डीएमके की हालत और भी खराब है। पार्टी के 31 मंत्रियों में से 27 अपराध मामलों में फंसे पाए गए, जिनमें 14 पर गंभीर आपराधिक धाराएं लगी हुई हैं।

दिल्ली की सत्ता में बैठी आम आदमी पार्टी (AAP) भी इस दाग से अछूती नहीं है। उसके 16 मंत्रियों में से 11 मुकदमों का सामना कर रहे हैं और 5 नेताओं पर गंभीर आरोप हैं। लेकिन सबसे सनसनीखेज तस्वीर सामने आती है तेलुगू देशम पार्टी (TDP) की। रिपोर्ट के मुताबिक, 23 में से 22 मंत्री अपराधी छवि वाले हैं और उनमें से 13 पर गंभीर अपराधों के आरोप दर्ज हैं। यानी पार्टी का लगभग पूरा मंत्रिमंडल कानून के शिकंजे में खड़ा है। इतना ही नहीं, देश का केंद्रीय मंत्रिमंडल भी इससे बचा नहीं है। रिपोर्ट में साफ किया गया है कि 72 केंद्रीय मंत्रियों में से 29 ने खुद अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों की घोषणा की है।

किन राज्यों में साफ छवि वाले मंत्री

ADR ने साफ किया है कि हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, नागालैंड और उत्तराखंड ही ऐसे राज्य हैं, जहां मंत्रियों के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। वहीं आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और पुडुचेरी जैसे राज्यों में 60 प्रतिशत से अधिक मंत्री आपराधिक मामलों में लिप्त पाए गए हैं।

संपत्ति का खेल

रिपोर्ट में मंत्रियों की संपत्ति का भी खुलासा हुआ। देश के मंत्रियों की औसत संपत्ति 37.21 करोड़ रुपये है, जबकि कुल 643 मंत्रियों की घोषित संपत्ति लगभग 30 हजार करोड़ रुपये बैठती है।

  • सबसे अमीर मंत्री: आंध्र प्रदेश से टीडीपी सांसद डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी, जिनके पास 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है।
  • दूसरे स्थान पर: कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार, करीब 1,400 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ।
  • सबसे गरीब मंत्री: त्रिपुरा के आईपीएफटी नेता शुक्ला चरण नोतिया, जिनकी संपत्ति महज 2 लाख रुपये है।

कर्नाटक सबसे ज्यादा अरबपति मंत्रियों वाला राज्य है, जबकि केंद्र सरकार के 72 मंत्रियों में से 6 अरबपति हैं। सबसे अधिक 14 अरबपति मंत्री बीजेपी से हैं, वहीं कांग्रेस में 11 मंत्री अरबपति की सूची में शामिल हैं। बता दें कि यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब केंद्र सरकार ने हाल ही में एक विधेयक पेश किया है। इसमें प्रस्ताव है कि अगर किसी मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री पर गंभीर आपराधिक मामला हो और वह लगातार 30 दिन तक हिरासत में रहे, तो उसे तत्काल पद से हटाया जाए।  ADR report 2025


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