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Source
Kisan Tak
https://www.kisantak.in/election-2024/story/lok-sabha-election-2024-44-sitting-mps-facing-criminal-charges-5-percent-are-billionaire-944788-2024-03-30
Author
क‍िसान तक
Date
City
New Delhi

एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा विश्लेषण किए गए स्व-शपथ हलफनामों के अनुसार, विश्लेषण किए गए 514 मौजूदा लोकसभा सांसदों में से 225 (44 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. विश्लेषण किए गए लोगों में से 5 प्रतिशत अरबपति हैं, जिनकी संपत्ति 100 करोड़ रुपये से अधिक है.

एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा विश्लेषण किए गए स्व-शपथ हलफनामों के अनुसार, विश्लेषण किए गए 514 मौजूदा लोकसभा सांसदों में से 225 (44 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. विश्लेषण किए गए लोगों में से 5 प्रतिशत अरबपति हैं, जिनकी संपत्ति 100 करोड़ रुपये से अधिक है. 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्‍म हो रहा है. आम चुनावों की घोषणा हो चुकी है. 18वीं लोकसभा के लिए संसद सदस्यों को चुनने के लिए मतदान 19 अप्रैल से शुरू होगा और सात चरणों में 1 जून को समाप्त होगा. चार जून को चुनावों के नतीजे आएंगे.

29 फीसदी के खिलाफ गंभीर मामले

एडीआर की रिपोर्ट से पता चला कि आपराधिक आरोपों वाले मौजूदा सांसदों में से 29 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले हैं, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, सांप्रदायिक विद्वेष को बढ़ावा देना, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध के आरोप तक शामिल हैं. उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों वाले मौजूदा सांसदों में से नौ पर हत्या के मामले हैं. विश्लेषण से पता चला कि इनमें से पांच सांसद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के हैं.

50 फीसदी सांसदों पर मुकदमे

इसके अलावा, 28 मौजूदा सांसदों ने हत्या के प्रयास से संबंधित मामले घोषित किए हैं, जिनमें से अधिकांश - 21 सांसद - भाजपा के हैं रिपोर्ट इन सांसदों के वित्तीय पहलुओं पर भी प्रकाश डालती है. प्रमुख दलों में, बीजेपी और कांग्रेस के पास अरबपति सांसदों की सबसे अधिक संख्या है. हालांकि विश्लेषण से पता चलता है कि अन्य दलों का भी महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व है. राज्यों के बीच आपराधिक मामलों के वितरण के संबंध में, उत्तर प्रदेश, महाराष्‍ट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश सबसे आगे हैं. यहां 50 प्रतिशत से अधिक सांसद आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं.

सांसदों के बीच असमानता

इसके अतिरिक्त, विश्लेषण सांसदों के बीच संपत्ति में असमानताओं को उजागर करता है. इसमें कुछ के पास सैकड़ों करोड़ की संपत्ति है, जबकि अन्य के पास न्यूनतम संपत्ति है. विशेष रूप से, सबसे अधिक घोषित संपत्ति वाले शीर्ष तीन सांसद नकुल नाथ (कांग्रेस), डीके सुरेश (कांग्रेस) और कनुमुरु रघु राम कृष्ण राजू (स्वतंत्र) हैं. इनकी संपत्ति सैकड़ों करोड़ रुपये है. रिपोर्ट में मौजूदा सांसदों के बीच शैक्षिक पृष्ठभूमि, आयु और लैंगिक भेदभाव पर भी प्रकाश डाला गया है. सांसदों का एक महत्वपूर्ण बहुमत - 73 प्रतिशत - स्नातक या उच्च शैक्षणिक योग्यता रखता है, जबकि मौजूदा सांसदों में से केवल 15 प्रतिशत महिलाएं हैं.


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