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Source
Punjab Kesari
https://www.punjabkesari.in/state/news/pti-state-story-1482481
Date
City
New Delhi

चुनाव और राजनीति संबंधी क्षेत्रों में सुधार के लिए काम करने वाले समूह ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) के अनुसार, देश में लगभग 16 क्षेत्रीय दलों ने पैन संबंधी विवरण के बिना 1,026 चंदों से 24.779 करोड़ रुपये प्राप्त करने की घोषणा की है।

 एडीआर की इस रिपोर्ट में भारतीय निर्वाचन आयोग को राजनीतिक दलों द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित चंदों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

 रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2018-19 और 2019-20 के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और आम आदमी पार्टी (आप) की चंदे से हुई आय में सर्वाधिक वृद्धि हुई।

इसमें कहा गया है, ‘‘वित्त वर्ष 2019-20 में सबसे ज्यादा चंदा घोषित करने वाले शीर्ष पांच दलों में शिवसेना, अन्नाद्रमुक (अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम), आप, बीजू जनता दल (बीजद) और वाईएसआर-कांग्रेस (युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस) शामिल हैं। इन पार्टियों में से शिवसेना, बीजद और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी ने वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में अपने चंदे में कमी की घोषणा की, जबकि अन्नाद्रमुक और आप ने चंदे में वृद्धि की घोषणा की।’’

नकद में सर्वाधिक चंदा मिलने की घोषणा इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने की, जिसने 4.63 करोड़ रुपये जुटाए। इसके बाद तमिलनाडु की पट्टाली मक्कल काची ने 52.20 लाख रुपये, लोजपा ने छह लाख रुपये, नगालैंड और मणिपुर के नगा पीपुल्स फ्रंट ने 3.92 लाख रुपये और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने 29,000 रुपये एकत्र करने की घोषणा की।

 रिपोर्ट में कहा गया है कि 16 क्षेत्रीय दलों ने पैन के विवरण के बिना 1,026 चंदों से 24.779 करोड़ रुपये प्राप्त करने की घोषणा की है। जिन 53 क्षेत्रीय दलों का विश्लेषण किया था, उनमें से केवल दो ने चुनाव आयोग को निर्धारित समय अवधि में चंदे संबंधी अपनी रिपोर्ट मुहैया कराई थी और 28 अन्य दलों ने कम से कम छह से 320 दिनों की देरी से अपनी रिपोर्ट मुहैया कराई तथा 23 क्षेत्रीय राजनीतिक दल ऐसे हैं, जिन्होंने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान अब तक अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग के पास जमा नहीं कराई।


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