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Source
India.com
https://www.india.com/hindi-news/india-hindi/bjp-got-maximum-rs-351-50-cr-from-electoral-trusts-in-2021-22-congress-got-only-rs-18-43-cr-says-adr-report-5829340/
Author
India.com Hindi News Desk
Date
City
New Delhi

BJP को वित्तवर्ष 2021-22 में चुनावी ट्रस्टों से सबसे ज्यादा 351.50 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जो सभी पार्टियों को मिले कुल चंदे का 72.17 प्रतिशत है.

भारतीय जनता पार्टी (BJP) को वित्तवर्ष 2021-22 में चुनावी ट्रस्टों (Electoral Trusts) से सबसे ज्यादा 351.50 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जो सभी पार्टियों को मिले कुल चंदे का 72.17 प्रतिशत है. जबकि कांग्रेस को सिर्फ 18.43 करोड़ रुपये पूरे साल में मिले. यह बात एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक विस्तृत रिपोर्ट में कही गई. प्रूडेंट ईटी ने वित्तवर्ष 2020-21 में 209 करोड़ रुपये के योगदान के मुकाबले भाजपा को सबसे अधिक (336.50 करोड़ रुपये) दान दिया. एबी जनरल ईटी और समाज ईटी ने वित्तवर्ष 2021-22 में भाजपा को क्रमश: 10 करोड़ रुपये और 5 करोड़ रुपये का दान दिया. भाजपा के बाद तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) को 40 करोड़ रुपये की दूसरी सबसे बड़ी राशि प्राप्त हुई, जिसमें प्रूडेंट ईटी एकमात्र दानदाता था. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) को ईटी (Electoral Trusts) से क्रमश: कुल 18.43 करोड़ रुपये और 21.12 करोड़ रुपये मिले हैं.

जहां प्रूडेंट ईटी द्वारा दोनों पार्टियों को दिए गए दान में केवल 0.19 करोड़ रुपये का अंतर है, वहीं इंडिपेंडेंट ईटी ने आप को 4.81 करोड़ रुपये का दान दिया, जिससे आप कांग्रेस की तुलना में बड़ा प्राप्तकर्ता बन गया. स्मॉल डोनेशन ईटी ने कांग्रेस को सिर्फ 1.9351 करोड़ रुपये दान किए. इसके अलावा प्रूडेंट ईटी ने टीआरएस, समाजवादी पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल, पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी और गोवा फॉरवर्ड पार्टी सहित नौ राजनीतिक दलों को दान दिया. वित्तवर्ष 2021-22 के दौरान विभिन्न कॉर्पोरेट घरानों और व्यक्तियों से दान मिलने की घोषणा करने वाले छह ईटी ने कुल 487.0856 करोड़ रुपये प्राप्त किए और विभिन्न राजनीतिक दलों को 487.0551 करोड़ रुपये (99.994 प्रतिशत) वितरित किए.

हालांकि, इन छह ईटी के दाताओं का विवरण अज्ञात है, जिससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या इन ट्रस्टों को दान केवल कर छूट पाने का एक साधन था या भारत में टैक्स हेवन में जमा काले धन को सफेद धन में बदलने का एक तरीका था. एडीआर के मुताबिक, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के नियमों के अस्तित्व में आने से पहले गठित इन ईटी को दानदाताओं का ब्योरा भी खुलासा किया जाना चाहिए.

वित्तवर्ष 21-22 में 89 कॉर्पोरेट/व्यावसायिक घरानों ने ईटी को 475.8021 करोड़ रुपये दान दिया, जिसमें से 62 ने प्रूडेंट ईटी को 456.30 करोड़ रुपये दिए. दोनों ने एबी जनरल ईटी को 10 करोड़ रुपये का योगदान दिया, तीन ने समाज ईटी को 5 करोड़ रुपये का योगदान दिया और 15 इंडिपेंडेंट ईटी में 2.20 करोड़ रुपये का योगदान दिया.

वित्तवर्ष 2021-22 में 40 से अधिक व्यक्तियों ने ईटी में योगदान दिया है. प्रूडेंट ईटी को इंडिपेंडेंट ईटी और स्मॉल डोनेशन ईटी की तुलना में सबसे ज्यादा योगदान मिला है. शीर्ष 10 दानदाताओं ने ईटी को 331 करोड़ रुपये का दान दिया है, जो वित्तवर्ष 2021-22 के दौरान ट्रस्टों को प्राप्त कुल दान का 67.96 प्रतिशत है. आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया लिमिटेड ने ईटी के सभी दाताओं के बीच सबसे अधिक 70 करोड़ रुपये का योगदान दिया, इसके बाद एक्रेलर मित्तल डिजाइन एंड इंजीनियरिंग सेंटर प्राइवेट लिमिटेड ने 60 करोड़ रुपये और भारती एयरटेल लिमिटेड ने विभिन्न ट्रस्टों को 51 करोड़ रुपये का योगदान दिया.

इसके अलावा, एडीआर ने पाया है कि 16 ईटी में से 10 (62.50 प्रतिशत) ने वित्तवर्ष 2021-22 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी कि उन्होंने उस वर्ष में शून्य योगदान प्राप्त किया था. इसने कहा, “इससे ऐसे चुनावी ट्रस्टों के पंजीकरण की निरंतरता पर सवाल उठता है जो संबंधित राजनीतिक दलों को उनके द्वारा प्राप्त योगदान को वितरित करने के अपने प्राथमिक उद्देश्य को पूरा करने में विफल रहते हैं.” एडीआर के अनुसार, 23 पंजीकृत ईटी में से सात के वित्तवर्ष 2021-22 के योगदान की रिपोर्ट समय सीमा बीतने के दो महीने बाद भी चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है.


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