महाराष्ट्र के नगर निकाय चुनाव में दागी नगर सेवक अधिक संख्या में चुनकर आ रहे है जिससे स्वच्छ राजनीति का सपना अधूरा रहने का संकेत मिलने लगा है। हाल ही में संपन्न हुए नंदूरबार, नवापुर और डहाणु नगर परिषद के चुनाव में 21 प्रतिशत नगरसेवक आपराधिक छवि वाले चुनकर आए हैं। चुने गए नगरसेवकों में नंदूरबार नगर परिषद से सबसे अधिक 21 प्रतिशत आपराधिक छवि के हैं। वही नवापुर और डहाणु में 15-15 प्रतिशत नगरसेवक आपराधिक पृष्ठभूमि के चुनकर आए हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) और महाराष्ट्र इलेक्शन वॉच ने नंदूरबार, नवापुर और डहाणु नगर परिषद में कुल 84 नगरसेवकों में से 79 नगरसेवकों के चुनावी हलफनामे का विश्लेषण किया है। इसकी रिपोर्ट के अनुसार, 79 नगरसेवकों में से 18 प्रतिशत नगरसेवक आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं। जिसमें 12 प्रतिशत नगरसेवकों के खिलाफ हत्या का प्रयास, धोखाधड़ी और धमकाने जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। नंदूरबार नगर परिषद में विजयी 39 में से 8 नगरसेवक, नवापुर में 20 में से 3 नगरसेवक, डहाणु में भी 20 में से 3 नगरसेवकों के खिलाफ मामला दर्ज है। तीनों नगर परिषदों के 79 में से कुल 14 नगरसेवकों के खिलाफ मामले दर्ज है।
कांग्रेस के निर्वाचित 38 में से 5 नगरसेवक, भाजपा के 24 में से 6 नगरसेवक, राष्ट्रवादी कांग्रेस के 9 में से 3 नगरसेवकों के खिलाफ मामला दर्ज है। इन नगर परिषद चुनाव में विजयी 79 में से 29 नगरसेवक करोड़पति हैं। कांग्रेस के 13, भाजपा के 9 और राष्ट्रवादी कांग्रेस के 4 और शिवसेना के 3 नगरसेवक करोड़पति हैं।
विजयी उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 1.48 करोड़ रुपए है। नंदूरबार नगर परिषद के प्रभाग क्रमांक 6 अ सीट पर विजयी कांग्रेस के नगरसेवक यशवर्धन मनोज रघुवंशी के पास 18 करोड़ की संपत्ति है। 4 नगरसेवकों के पास 2 लाख रुपए से कम संपत्ति है। नवापुर नगर परिषद के प्रभाग क्रमांक 10 अ सीट पर चुनी गई कांग्रेस की नगरसेविका महिमा गावित ने केवल 30 हजार रुपए की संपत्ति घोषित की है।
नंदूरबार नगर परिषद के प्रभाग क्रमांक 7 ब सीट से विजयी उम्मीदवार सुरेखा मराठे पर 4 करोड़ से ज्यादा कर्ज है। चुनाव जीतने वाले 4 नगरसेवकों को 1 करोड़ रुपए से ज्यादा कर्ज बकाया है।
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